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Wednesday, December 17, 2008

इतिहास के पन्नों के लिए

कमलेश पांडे 'पुष्प'

(कमलेश दिल्ली से प्रकाशित समाचार पत्रिका 'सीनियर इंडिया' से जुड़े हैं। पिछले दिनों मुंबई में हुए भीषण आतंकी हमले ने आम जनों की तरह संवेदनशील पत्रकारों को भी विचलित किया। कमलेश भी उन पत्रकारों में हैं। उनकी ये पंक्तियाँ इस बात की गवाह हैं। आप भी देखें इन्हें)


मुझे याद है
ब्लैक बोर्ड पर लिखे
कैलाश मास्टर के
क ख ग घ
जिसे मैं
गाँव की प्राइमरी पाठशाला की
सीलन भरी जमीन पर बैठ
लकड़ी की pattiyon पर
मुश्किलों से लिखना
सीख पाया था।
तब मुझे नही मालूम था
वही क ख ग घ
मेरी जिंदगी में
आगे चल कर
कत्ल, खुखरी, गोली और घाव
शब्द उकेरेंगे
और मैं इन शब्दों को / अपने ही लोगों की लाशों के बीच बैठ कर
खडिया और स्याही के बजाय
अपने गाढे रक्त से लिखूंगा
इतिहास के पन्नों के लिए

Saturday, December 6, 2008

टोलफ्री टेरर हेल्पलाइन नंबर है 1090

अगर कहीं कोई संदिग्ध वस्तु दिखे तो हम आम तौर पर पुलिस को 100 नंबर पर फोन करते हैं। लेकिन इससे भी प्रभावी जगह अपनी आशंका को पहुंचाना हो, ताकि आतंकवाद की किसी संभावित घटना के खिलाफ सटीक कार्रवाई हो सके तो ऑल इंडिया टेरर हेल्पलाइन नंबर पर फोन करना ज्यादा कारगर होगा।

ऑल इंडिया टोल फ्री टेरर हेल्पलाइन नंबर है- 1090। खास बात यह है कि देश में हर जगह यह नंबर कारगर है। इस पर मोबाइल से भी फोन किया जा सकता है। खास बात यह है कि इसमें फोन करने वाले की पहचान छुपाने की भी व्यवस्था है।

अगर कहीं भी, कभी भी आपको आतंकी गतिविधि का अंदेशा हो तो इस नंबर '1090' पर तत्काल फोन करें। स्थानीय पुलिस या टेरर स्क्वाड तक खबर पहुंच जाएगी। क्या पता एक फोन भर से कोई संभावित बुरी घटना टल जाए!
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