tag:blogger.com,1999:blog-8572692232380351295.post2107829728484719337..comments2024-03-05T05:42:44.426+05:30Comments on रिजेक्ट माल: उदयप्रकाश विवाद का सबऑल्टर्न पाठ और हिंदी साहित्य में टीआरपी की व्यवस्थादिलीप मंडलhttp://www.blogger.com/profile/05235621483389626810noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-8572692232380351295.post-78284885212578916212009-08-08T12:13:04.478+05:302009-08-08T12:13:04.478+05:30नहीं
, टीआरपी वाले हिन्दी साहित्य, साहित्यकारों...नहीं<br />, टीआरपी वाले हिन्दी साहित्य, साहित्यकारों में सार्वजनिक चहल-पहल से छुपे मंच में दायें-बायें फुदकने से अलग, कमसकम पचीस साल तो हुए ही, कभी दम नहीं रहा. समरेश बसु ने 120 उपन्यास लिखे हैं सुनकर भी ये साहित्यकार कहां बेदम होते हैं, नाइजीरिया के चिनुआ अचेबे की 'थिंग्स फॉल अपार्ट' की बीस लाख से ज्यादा प्रतियां बिकी हैं जानकर हिन्दी साहित्य को कभी हार्ट अटैक आया है?azdakhttps://www.blogger.com/profile/11952815871710931417noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8572692232380351295.post-82108001502528933992009-07-22T16:35:01.172+05:302009-07-22T16:35:01.172+05:30बहुत संतुलित नज़रिये से लिखा है।
सही है.. ये तेवर...बहुत संतुलित नज़रिये से लिखा है। <br />सही है.. ये तेवर बने रहें! शुभकामनाएं!अभय तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/05954884020242766837noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8572692232380351295.post-32141245983611060852009-07-20T14:56:41.626+05:302009-07-20T14:56:41.626+05:30saval sirf itana hai ki kyaa kisii bhii paristhiti...saval sirf itana hai ki kyaa kisii bhii paristhiti me aadityanaath ke saath manch share karane ko justify kiya jaa sakataa hai?<br /><br />baakii PAATH bas mudde ko dilute karane ke hathkande hainAshok Kumar pandeyhttps://www.blogger.com/profile/12221654927695297650noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8572692232380351295.post-82247270636472131932009-07-20T01:04:40.858+05:302009-07-20T01:04:40.858+05:30मित्र सद_इछाओं के बावजूद भी तुम्हारा विश्लेषण भी ए...मित्र सद_इछाओं के बावजूद भी तुम्हारा विश्लेषण भी एकांगी है। वह इस रूप में कि जब आप खुद ही मानते हैं कि उदय प्रकाश जी ने जो किया वह वैचारिक द्रष्टि से गल्त है तो फ़िर उसके विरोध में उठी हुई आवाज कोई साजिश कैसे हो सकती है?अभी इतना ही। बाकि संवाद जारी रहने पर।विजय गौड़https://www.blogger.com/profile/01260101554265134489noreply@blogger.com