tag:blogger.com,1999:blog-8572692232380351295.post6569062206358822029..comments2024-03-05T05:42:44.426+05:30Comments on रिजेक्ट माल: डायवर्सिटी, चुनाव और मायावती का सस्पेंसदिलीप मंडलhttp://www.blogger.com/profile/05235621483389626810noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-8572692232380351295.post-71318486338275098532009-04-13T20:11:00.000+05:302009-04-13T20:11:00.000+05:30इंतजार रहेगा। मुद्दा वाकई में महत्वपूर्ण है। शुरू ...इंतजार रहेगा। मुद्दा वाकई में महत्वपूर्ण है। शुरू करें।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09390660446989029892noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8572692232380351295.post-78904355275293553302009-04-10T20:24:00.000+05:302009-04-10T20:24:00.000+05:30हम तो यही सोच कर आए थे कि प्लेटफार्म पर गाड़ी लग ...हम तो यही सोच कर आए थे कि प्लेटफार्म पर गाड़ी लग चुकी होगी।Hari Joshihttps://www.blogger.com/profile/13632382660773459908noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8572692232380351295.post-23614334677534908422009-04-01T12:56:00.000+05:302009-04-01T12:56:00.000+05:30ये अच्छी बात है कि लगातार लिखने का इरादा है। कई बा...ये अच्छी बात है कि लगातार लिखने का इरादा है। <BR/>कई बार इस स्टेशन से खाली लौटा हूं। <BR/>...भारतीय राजनीति में प्रतीकों के महत्व की बात एकदम सही है...पर जैसे ही यह ध्यान में आती है मन उदास होता चला जाता है...<BR/>हमारे देश में प्रतीकवाद का जो रूप है वह प्रगति या भविष्य की ओर नहीं देखने देता बल्कि ठहराव, तुष्टिवाद और अनिर्णय से बचने का फौरी मंत्र ज्यादा नजर आता है।अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.com