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Monday, December 20, 2010

फेसबुक पर चली एक बहस: संदर्भ सचिन और विनोद कांबली

Dilip's Profile • Dilip's Wall

Dilip Mandal
सचिन को बार बार मौका मिला, लेकिन एक खराब फॉर्म और कांबली का खेल खत्म। :

सचिन तेंडुलकर: टेस्ट एवरेज 56.91 (175 टेस्ट, 286 पारी)
फर्स्ट क्लास एवरेज - 59.86 (278 मैच)
विनोद कांबली: टेस्ट एवरेज 54.20 (सिर्फ 17 टेस्ट, 21 पारी)
फर्स्ट क्लास एवरेज - 59.67 (129 मैच)

कुछ लोगों को असफल होने के मौके बार-बार मिले। ऐसा मौका न मिलने से कई लोग इतिहास बनते-बनते रह गए।

Vinod Kambli
www.espncricinfo.com
Vinod Kambli's Cricinfo profile
8 hours ago • Like • Comment • Share
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o Madan Kumar, Vibha Tailang, Sanoj Kumar Choudhary and 56 others like this.
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Om Prakash Pandey eho Dalit tha ka maharaaj !!!!!
7 hours ago • Like • 2 people

Obc Mulnivasi Mission Mulnivasi Cricket ka brahman wad sabko nahi samajhne wala
7 hours ago via Facebook Mobile • Like • 3 people

Arman Neyazi This is what is called luck.Three disciples of one Guru, all better than the other. Only one achieved what all three deserved. Vinod and Manjrekar were much better in many ways but alas, luck had the last laugh.
7 hours ago • Like

Dilip Mandal ‎17 मैच में कांबली ने दो शतक और दो दोहरे शतक (224 और 227) बनाए। सचिन ने पहले 17 मैच में तीन शतक बनाए।
7 hours ago • Like • 3 people

Sanjay Samant भारत मे २ प्रकार के LUCK होते है.. एक है LUCK by CHANCE और दुसरा है LUCK by CASTE..
7 hours ago • Like • 6 people

Dilip Mandal ‎17 टेस्ट मैचों में कांबली के 1084 रन थे। जबकि इतने ही मैचों में सचिन के रन थे 956। लेकिन कांबली आउट हो गया।
7 hours ago • Like • 2 people

Om Prakash Pandey vaise Tendulkar ki CASTE Kya hai???
7 hours ago • Like

Keshav Acharya CASTE..........Tendulkar
7 hours ago • Like

Om Prakash Pandey jab baat caste ki hin nikli hai to soche isi bahane Tendulkar ka bhi maloom kar lein !!! By the way ..the cricket was ruined by lobbing...or iske praneta rahe..Sunil Gawaskar.....pahle saare khiladi maharastra se hin hote the..then kheshtravaaad aya.....ab kamse kam..fair hai..sabko chance milta hai !!!
7 hours ago • Like

Bunty Sood agree sir !!!!!!!!!
7 hours ago • Like

Swatantra Mishra aisa nahi hai..kambli ko bhi mauke mile...kambali bhi pratibhasaali rahe...lekin sachin se unki tulna nahi ho sakti...aisa main hi nahi balki lara..bradman..sahit duniya ka shrasht ballabaaj aur gendbaaj kahta hain...sachin ne bahuton ke carrier banae me madad ki..dhoni..yuvraaj..harbhajan...
7 hours ago • Like • 1 person

Dilip Mandal सचिन ने 15वीं पारी में जाकर पहली सेंचुरी बनाई। इससे पहले 14 पारियों में उनके रन थे- 15, 59, 8, 41, 35, 57, 0, 24, 88, 5, 10, 27, 68
7 hours ago • Like • 3 people

Dilip Mandal कांबली की शुरुआती पारियां इस तरह हैं- 16, 18 (नॉट आउट), 59, 224, 227, 125, 4, 120, 5, 82, 57...इसके बात साट टेस्ट मैच का खराब फॉर्म और जिंदगी भर के लिए आउट
7 hours ago • Like • 2 people

Arvind Soni क्रिकेट की दोड़ में सचिन कछुआ था और काम्बली खरगोश ....शुरुआती दिनों में काम्बली ज़रूर आगे था पर वो आगे जाकर सचिन की तरह अनुशासन व क्रमबधता नहीं रख पाया ... बहुत समय पहले कपिल देव का एक विज्ञापन आता था कावासाकी मोटर साईकल का जिस में वो कहते है " चेम्पियन वही बनता है जो लगातार दोड़े , बिना रुके बिना थके " सचिन व काम्बली ने दोड़ एक साथ शुरू की थी पर काम्बली बिच में थक गये और सचिन आज भी दोड़ रहे है इसीलिए वो चेम्पियन है....
7 hours ago • Like • 5 people

Dilip Mandal अभिषेक बच्चन को पहली हिट फिल्म से पहले 26 फ्लॉप फिल्में में काम करने का मौका मिला। इसे कहते हैं मेरिट।
7 hours ago • Like • 5 people

Kuldeep Wasnik TENDULKAR to 'Brahman' he. Aur rahi baat madat ki usne apne carier ke end me ki. To is se brahmano ko acha kahne ki jarurat nahi . Waise cricket ki history me brahman baniyo ka hi raj raha he eg. Gavaskar-Dev-tendulkar-ganguli- dravid
7 hours ago via Facebook Mobile • Like

Rahul Shinghal Dilip Bhai, What do you think is the probable reason to keep on having faith in sachin inspite of repeated failures?
7 hours ago • Like

Kuldeep Wasnik Brahman to Brahmno ka hi paksh lega
7 hours ago via Facebook Mobile • Like

Dilip Mandal वैसे जिनकी दिलचस्पी है वे यह किताब पढ़ सकते हैं - ब्राह्मण एंड क्रिकेट, लेखक एस आनंद, मूल्य 200 रुपए। पेपरबैक में, पतली सी किताब है, बहुचर्चित भी। नतीजों से आप असहमत हो सकते हैं।http://www.flipkart.com/brahmans-cricket-anand-s-book-8189059033
7 hours ago • Like

Dilip Mandal ‎"How did a priestly class-soft, even effeminate-come to dominate a sport? Why does such dominance not extend to hockey or football?In Brahmans and Cricket, S. Anand seeks answers to unasked questions"
7 hours ago • Like • 2 people

Jayantibhai Manani
मित्रों,उच्च जाति में जन्म ले कर जो क्रिकेटर बनता है उसको जरुर आसानी होती है क्योकि क्रिकेट बोर्ड पूरा ब्राह्मण-बनियों की बपोती बन चूका है.हमारे देश में जातिवाद हर क्षेत्र में हावी है. विनोद काम्बली अगर उच्च जाति में जन्मा होता तो उसको और आगे खेलने मिलने की पूरी संभावना थी. सचिन अगर लोअर कास्ट में जन्मा होता तो उनकी कारकिर्दी इतनी लंबी चलाने की संभावना कम थी.
--------फिर भी मित्रों सचिन के ५०-वे शतक पर हमारी बधाई है, क्योकि हम भी भारतीय है और सचिन भी भारतीय है. और हमें गर्व है की विश्व में हमारा एक भारतीय बेट्समेन न. १ बन चूका है.
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Sameer Yadav
‎@ दिलीप भाई, सचिन के साथ तुलना कर काम्बली के लिए न्याय बिलकुल बेमानी है. किसी और से तुलना करते तब शायद यह विमर्श का विषय बन सकता था. प्रतिभा के स्तर पर काम्बली निर्विवाद थे, यह तो उनके कोच के साथ-साथ सभी जानकार कहते हैं. लेकिन क्रिकेट के खेल में प्रतिभा के साथ जो अनुशासन, समर्पण, एकाग्रता और निष्ठा चाहिए , वह काम्बली में कम रहा. एक बार सफल होने के बाद , तब के आस्ट्रेलिया टूर पर ही वह फिसल गए थे. रही बात मौके की तो उन्हें पर्याप्त मौका मिला था लेकिन वे इसे भुना नहीं सके. प्रतिभा को सही रूप में प्रस्तुत करने हेतु जो प्रतिभा होनी चाहिए, उसका नितांत अभाव रहा काम्बली में...यह उनके जीवन शैली और सोच से स्पष्ट होता है. [ उनके क्रिकेट के अलावा गतिविधि देखिये ]. क्रिकेट में प्रतिभाशाली और अवसर मिलने के बाद भी असफल होने वाले खिलाडियों की सूची लम्बी है.......जो नरेन्द्र हिरवानी, शिवरामकृष्णन से आजकल इरफ़ान पठान तक जारी है. प्रतिभा के बाद भी अपने व्यक्तिगत कारणों से निरंतर नहीं रहने वालों में युवराज प्रमुख हैं.. इसे "जातिवाद" या "लाबिंग" से जोड़कर देखने पर भी काम्बली ..... कहीं से भी एक खिलाडी और इंसान के रूप में सचिन के पासंग भी नहीं है. फिर भी मैं सचिन को इस स्तर के विमर्श से अलग रखना चाहूँगा.
7 hours ago • Like • 4 people

Prashant Priyadarshi
काम्बली ने शुरुवात में जितना अच्छा Avg दिया, मगर उसका Avg लगभग उतना ही है जितना सचिन ने 175 मैच में दिया.. मतलब सीधा सा इतना ही है कि काम्बली से कई गुना अच्छा Avg सचिन ने अपने कैरियर के बीच में दिया होगा..

और हाँ, क्रिकेट को मैं इतना महत्त्व नहीं देता कि दो सौ रूपये बर्बाद करूँ..
7 hours ago • Like • 1 person

Rahul Shinghal So you mean one should belive in jatiwad
6 hours ago • Like

Dhiraj Ambade ye bhi dekhna chahiye ki sachin ke pehle 17 test me kya avrg tha. shayad kambli se kam..
6 hours ago • Like

Dilip Mandal बिल्कुल शुरुआती दौर में सचिन का एवरेज कांबली से कम था।
6 hours ago • Like

Prashant Priyadarshi बिलकुल कम रहा होगा, मगर कभी न कभी उसके कैरियर का Avg 80-90 से ऊपर रहा होगा तभी तो अभी का उसका Avg उसके बराबर है?? मगर वो 1997 में अपनी असफलता देखकर दूसरों पर इल्जाम नहीं लगाया(जैसा कि 1996 विश्व कप के बाद काम्बली ने अनुशासन तोडते हुए किया था).. आप पत्रकार लोग हैं, बेहतर सबूत और आंकड़ा आप ही दे सकते हैं..
6 hours ago • Like • 2 people

Prashant Priyadarshi किसी भी कैरियर में मात्र अच्छा Performance देना ही बहुत नहीं होता है.. उसके साथ प्रतिबद्धता और अनुसाशन भी बेहद जरूरी तत्व होते हैं जिसे आप अभी यहाँ अप्रत्यक्ष रूप से दलित का तमगा देकर छुपाना चाहते हैं!!
6 hours ago • Like • 1 person

Sameer Yadav बहुत कम अवधि, और कम मैचों के आंकड़ों के आधार पर तो काम्बली के अलावा कई ऐसे खिलाड़ी हैं जो सचिन से बीस साबित होंगे लेकिन उसके बाद की सच्चाई तो दुनिया जानती है. सचिन जैसे एक निर्विवाद सच्चे खिलाड़ी को इस तरह के विमर्श का विषय बनाकर आप जानते हैं, आप क्या कर रहे हैं.
6 hours ago • Like • 4 people

Arvind Soni अभिषेक और हिट फ़िल्म !!!... कोनसी फ़िल्म है वो ...
6 hours ago • Like • 3 people

Vijay Rana Sorry Dilip you are wronghere. Pl read the Cricinfo link more carefully: 'He often got himself into a tangle against the short ball, and his flash to gully soon became a trademark. Kambli's problems were compounded by indiscipline... He made as many as nine comebacks into the one-day team.'
6 hours ago • Like • 1 person

Dilip Mandal कांबली को बहुत मौके नहीं मिले। जनवरी 1993 में कैरियर शुरु हुआ। आखिरी टेस्ट नवंबर 1995 में खेला। एक ही खराब फॉर्म और खेल खत्म। बाद में फर्स्ट क्लास क्रिकेट में अच्छे प्रदर्शन के बावजूद उन्हें एक भी और मौका नहीं मिला।
6 hours ago • Like • 2 people

Prashant Priyadarshi पूरा आंकड़ा के आकांक्षी हैं हम.. सचिन के नाम पर ये हवा-हवाई बातें कोई भी भारतीय नहीं मानना चाहेगा..
6 hours ago • Like • 1 person

Dilip Mandal अभिषेक की पहली हिट फिल्म बंटी और बबली। इससे पहले असफल फिल्मों की लंबी कतार। अवसर मिलते गए बाबू फ्लॉप देते रहे।
6 hours ago • Like • 2 people

Prashant Sharma I there there are so many things, so many facts and stories beyond these stats. Sachin has been the most consistent performer of team India since the time I am watching cricket. He has got everything that makes one a great cricketer, and most importantly, a great human being. So please, I'd request you to check your facts before bashing a player like Sachin.
6 hours ago • Like • 2 people

Prashant Priyadarshi शतक ना बनाते हुए भी सचिन ने पहले वर्ल्ड कप में 380(अपनी यादाश्त पर निर्भर हूं) से अधिक रन बनाए थे.. रन बनाने के लिए मात्र शतक ही पर्याप्त नहीं होता है..
6 hours ago • Like • 1 person

Kuldeep Wasnik Ab Brahmno ke pass merit nahi he aisa siddh hone per anushasan ki baat kar rahe ho
6 hours ago via Facebook Mobile • Like • 3 people

Prashant Sharma And I also don't understand what fun some people get in writing off something which has become a great success story. I've seen happening quite a lot these days.
6 hours ago • Like

Sameer Yadav देखिये यह तो खिलाड़ी के attitude पर भी निर्भर करता है, मैंने पहले ही कहा वह आस्ट्रेलिया दौरे से ही अपने व्यवहार की वजह से एक खिलाड़ी के रूप में विश्वास खोने लगे थे. उसके बाद एक खिलाड़ी के रूप में प्रदर्शन निरंतर नहीं रहा था.
6 hours ago • Like

Prashant Priyadarshi दिलीप जी जिस तरह से चम्पत हो गए हैं उससे तो मुझे यही लगता है कि वह गलत विषय पर अपना कलम चला गए हैं.. जिसके बारे में उनके पास कोई अधिक आंकड़ा भी नहीं है और तथ्य भी नहीं है..
6 hours ago • Like • 3 people

Kuldeep Wasnik Eureshian Brahmano ne jab jab humare log aage badhate rahe tab tab sandhi ko hi nasht kiya he.
6 hours ago via Facebook Mobile • Like • 1 person

Prashant Sharma Thanks Prashant for liking my comments. People sometimes write baseless things!
6 hours ago • Like • 1 person

Prashant Priyadarshi यहाँ ब्राह्मण, दलित, सवर्ण.. इन सब कि बातें छोड़ कर सचिन और काम्बली कि बात क्यों ना करें कुलदीप जी? और वो भी तथ्यों के साथ.. हवा-हवाई बातें नहीं.
6 hours ago • Like • 3 people

Sameer Yadav दिलीप जी, आपके तर्कों को आंकड़े और इसके साथ की कोई भी दलील ठीक नहीं कर सकेंगे क्योंकि बात सचिन से तुलना की है.... किसी और से करते तो शायद जातिवाद, लाबिंग या कुछ भी ...चल जाता.
6 hours ago • Like • 2 people

Sameer Yadav सचिन जैसी प्रतिभा....एक खिलाड़ी और इंसान दोनों के रूप में एक सच्चे भारतीय का उदाहरण है. हमें उस पर गर्व है.....वह सभी प्रकार के जाति, धर्म, सम्प्रदाय और भेदभाव से ऊपर है.
6 hours ago • Like • 2 people

Dilip Mandal इन दोनों के सभी आंकड़े सबके लिए उपलब्ध हैं। इसलिए कोई नई चीज लाने का सवाल नहीं है। कांबली के साथ जो हुआ वह मुझे गलत लगता है। इतने प्रतिभाशाली खिलाड़ी का इस तरह खत्म हो जाना दुखद है। खराब पैच तो सचिन के कैरियर में भी आते रहे। जाति का इसमें कोई रोल रहा होगा या नहीं, यह क्रिकेट और सोशियोलॉजी वाले बताए।
6 hours ago • Like • 6 people

Vijay Rana The fact is once his weakness against pace was exposed, he was a sitting duck to most pacers in the world. Read the expert opinion. It's there on the Cricinfo.
6 hours ago • Like

Kuldeep Wasnik Iske liye me apko ek Mahabharat ka example deta hu . Jab DRONACHARYA(BRAHMAN) KO PATA CHALTA HE KI EKLOVYA(SHUDRA) ARJUN SE BHI AAGE BADH SAKTA HE TO DRONACHARYA USKO APNA ANGUTHA MANG LETA HE. Iska matlab usne humari sandhi ko hi nasht karta he. Aisa hi Brahmano ne kambli ke sath kiya
6 hours ago via Facebook Mobile • Like

Prashant Sharma ‎@ Dilip Ji, aap patrkar hain. Ye to aap bhi bata sakte hain ki kya Kambli ki tulna Sachin se ki jaani sahi hai?
6 hours ago • Like

Vijay Rana This debate is a good example of caste communalism. In India we relate communalism to religion only. But in the rest of the world it means mobilisation of any kind of commune - caste, relgion, language, or ideology. So in India caste communalism is growing and growing fast.
6 hours ago • Like

Om Prakash Pandey Dhoni koun see jaati ka bhai....Dileep jee aaap to Jharkhand se hin hain..aaapko to maloom hoga na !!!!
6 hours ago • Like

Prashant Priyadarshi
पिछले सत्रह टेस्ट में सचिन का कितने का Avg और रन रहे हैं?? और कितने डबल सेंच्युरी?
दिलीप जी, मैं फिर से वही कहूँगा कि आपने गलत चीज पर बिना पुरे आंकड़ों के साथ कलम चलाया है.. आपको अगर तुलना करना ही था तो काम्बली और मांजरेकर में करते.. निशाना थोड़ा सही बैठता.. मांजरेकर भी ब्राह्मण ही हैं यह मुझे बताने कि जरूरत नहीं होनी चाहिए..
6 hours ago • Like • 3 people

Sameer Yadav यदि काम्बली के साथ गलत हुआ है तो इसके लिए काम्बली जवाबदेह हैं. उनका एक व्यक्ति और खिलाड़ी के रूप में आचरण, व्यवहार, फार्म भी जवाबदेह है ..... यहाँ सचिन कहाँ से आ गये ? इस तरह के मुद्दे वाल पर लाकर काम्बली या सचिन का तो कुछ नहीं होना, हाँ दिलीप जी की विषय/ मुद्दे के चयन की विश्वसनीयता जरुर कम हुई है.
6 hours ago • Like • 4 people

Prashant Sharma Kehne mein bada dukh ho raha hai par aaj Dilip Ji ne us din ki yaad dila di jab Bal Thakrey ne Sachin par aarop lagaye the. Khair koi baat nahi, yahan kabhi kabhi log apne prejudices bhi saadh lete hain.
6 hours ago • Like

Dilip Mandal मैंने तो दो खिलाड़ियों को मिले मौकों की बात की थी और आप दोस्त लोग जाति का सवाल ले आए। अब जब बात हो ही रही है तो रामचंद्र गुहा को पढ़ लीजिए- "In a regional sense, it has democratised. But caste-wise, the composition of the team hardly reflects the diversity of our society. After Palwankar Baloo in the early part of the century, we haven't produced a single Dalit cricketer (save Vinod Kambli) at the national level."
6 hours ago • Like • 5 people

Rajendra Jadhao This is because Kambli belongs to Scheduled Caste
6 hours ago • Like

Dilip Mandal और राजदीप सरदेसाई (जो दिलीप सरदेसाई के पुत्र भी हैं ) कहते हैं - "cricket and the values it promoted fitted well with the hierarchies that our feudal and caste society engendered. It did not break them".
6 hours ago • Like

Obc Mulnivasi Mission Mulnivasi Hum jab Brahmno ko gali dete he to Brahman kuch nahi kahta. Per humare hi log hume kahte hai ki aap humesha Brahmno ko hi q jimmewar mante he? Is tar ah se Humare hi lo brahmno ko bachate he. Aur rahi baat kambli ki . To Bharat ke har kshetra me Brahmano ne kabja kar rakha he.
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Ranjit Kumar bat sahee hai...
6 hours ago • Like

Prashant Sharma Caste factor was dominant in the whole Indian society, not only in cricket. But Sachin isn't successful, or got chances as you are trying to say, because of his being Brahmin. It's his sheer brilliance with the bat and commitment towards the team that made him what he is now. You can't bash him just because he belongs to a certain so called upper caste.
6 hours ago • Like • 1 person

Prashant Sharma Arey par aap Rajdeep ki baat kab se maan ne lag gaye?
6 hours ago • Like

Rajendra Jadhao क्रिकेट हमेशा अपने आप को ऊँचे तबके के समझने वाले लोगों का खेल रहा है
6 hours ago • Like

Vinod Bansal दिलीप साहब! आप कैसे पत्रकार हैं ? क्रिकेट में भी जाति- बिरादरी का पेंच डालना चाह रहे हैं.क्रिकेट की थोडी सी भी जानकारि रखने वाला सचिन और कांवली की तुलना करने का दु:साहस नहीं करेगा.
6 hours ago • Like

Dilip Mandal क्रिकेट के इतिहासकार रामचंद्र गुहा यह भी लिखते हैं कि - "Cricket being a non-body contact sport was certainly one attraction for the Brahmin." अगली पंक्ति मुझे नस्लवादी लगी इसलिए यहां नहीं डाल रहा हूं। चाहें तो खुद पढ़ लें। http://www.outlookindia.com/article.aspx?218913
6 hours ago • Like

Prashant Sharma Sir, aap ab poori tarah se mudde se bhatak gaye hain. :)
6 hours ago • Like

Dilip Mandal यही तो मैं कह रह हूं कि इसमें जाति को लाने की जरूरत नहीं है। कांबली को असफल होने के कम मौके मिले। सचिन को ज्यादा। इसमें जाति के अलावा भी तो कुछ हो सकता है।
6 hours ago • Like

Dilip Mandal सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड जब लिखता है कि भारतीय क्रिकेट टीम में एक ही जाति के लोग भरे पड़े हैं, और इस आधार पर जब वे भारतीयों को नस्लवादी बताते हैं, तो देश को प्यार करने वाले किसी भी शख्स को दुख होगा। यह कहने का मौका हम उस देश को दे रहे हैं, जिसने अपने मूलनिवासियों का लगभग पूरी तरह संहार कर दिया है।
6 hours ago • Like • 2 people

Kuldeep Wasnik Mr. Nikhil ye baat bharat me chal rahi vyavastha ke bare me he. Isliye bradmen ko yaha pe mat ghusaiye. Aur ye keval cricket hi nahi balki jivan ke he shetra me brahmno ne hume adhikarose vanchi kiya he.
6 hours ago via Facebook Mobile • Like

Prashant Sharma Kambli ko bharpoor mauke mile, khelne ke bhi aur khel ke baad vigyapan ke through kamai ke bhi. Magar wo apni pratibha aor chhavi ko acche dhang se carry nahi kar sake. Isliye aaj aapko ye dukhad ehsaas ho raha hai. Thoda mujge bhi, ki wo apni pratibha ke saath nyay nahi kar sake.
6 hours ago • Like

Dilip Mandal
आपसे अनुरोध है कि रामचंनद्र गुहा की बातों से सहमत या असहमत होने के बावजूद उनकी बातों को गौर से पढ़ें। क्रिकेट पर उन्होंने काफी काम किया है। क्रिकेट पर उनका कुछ काम इस प्रकार है-

-An Indian Cricket Omnibus (OUP) (Editor, with T.G. Vaidyanathan, 1994)
The Picador Book of Cricket (Picador) (Editor, 2001)
A Corner of a Foreign Field - An Indian history of a British sport (Picador) (2001)
An Indian cricket century (Editor, works of Sujit Mukherjee, 2002)
The States of Indian Cricket (Permanent Black) (2005)
6 hours ago • Like

Dilip Mandal कृपया ऊपर के कमेंट में रामचंनद्र को रामचंद्र पढ़ें।
6 hours ago • Like

Kuldeep Wasnik Dilip ji aap Brahmno se itna q ghabrate ho . Usme sirf aur sirf Jatiwad hi he.
6 hours ago via Facebook Mobile • Like

Prashant Priyadarshi
आपने लिखा "मैंने तो दो खिलाड़ियों को मिले मौकों की बात की थी और आप दोस्त लोग जाति का सवाल ले आए।"
इससे एक बात तो अच्छे से समझ में आ गया कि आप सच में मंझे हुए पत्रकार हैं, जो साफ़ शब्दों में अपनी बात नहीं कहते हैं और सामने वाला अगर आक्रमण कर दे तो आपके पास कहने को ये रहता है कि "भई मैंने ऐसा तो नहीं कहा था.."

अगर यहाँ लोग जाति कि बात नहीं करते तो मुझे आप पर पूर्ण विशवास है(अंध धारणा ही समझ लें, जो आपके लिखे को पढकर ही बना है) कि आप ही जाति कि बात उठाते..
5 hours ago • Like • 3 people

Ranjit Ranjith thst s how 'habitus' nurtures 'merit'..
5 hours ago • Like

Prem Meena fully agree with u dilip ji...Sachin se pahle unhone two double century continue banai thi...lekin yad hai 96 ka world cup semifinal kambli or kumble waiting kar rhe the lekin derskon ki vajah se vo match pura nhi ho paya tha ...vinod Kambli khade-2 bheach ground me ro rhe the...uske bad unko kabhi mauka nhi mila nhi ......talent me kambli sachin se svaser the...
5 hours ago • Like • 2 people

Vinod Bansal माफ करना !आप बिल्कुल जाति -वाद की ही बात कर रहे हैं अन्यथा "ब्राम्हण एन्ड क्रिकेट" पुस्तक का जिक्र नहीं करते. सुब्रण्यम स्वामी ,अरुन्धती राय, के० सुदर्शन जैसे अन्य कई विद्वान हें जिन्होने बहुत बार ऊल- जलूल कहा है या लिखा है. हमें अपने विवेक का भी प्रयोग करना चाहिये.
5 hours ago • Like • 3 people

Ranjit Ranjith caste is inherent in indian cricket..
5 hours ago • Like • 1 person

Girish Bubna I respect all views here. Would like to add only one point, In his first twenty matches Sachin had played all the Test Matches on foreign Soil except one. where Kambli except one Sri Lanka Tour Played all his matches on Indian pitches.
5 hours ago • Like • 1 person

Kuldeep Wasnik Cricke per jyada paisa aur woqt kharch karne ke piche bhi Brahmno ka shadyantra he. Sadharan admi apni saari samasyao ko bhulke cricket ke piche lag jaata he. Us samasyagrast admi ko ye bhi nahi samajhta ki wo samsyagrast he to samasya kisne nirman ki he use kese pata chalega . Is tarah Brahman samasya nirman karke bhi bacha rahta he.
5 hours ago via Facebook Mobile • Like

Ranjit Ranjith and it shws how a talented person can be made to sit out thanks to his/her caste.. that s wht indian society does to 'talent'..such an undemocratic and brahmanically ruined society..
5 hours ago • Like • 1 person

Gaurav Tiwari दिलीप जी, आपसे यही उम्मीद है। आप इसी तरह के सवाल उठाते रहिए। .....खूब उठाइये
4 hours ago • Like

Asrar Khan कितने ताज्जुब की बात है की जिसने १७ टेस्ट मैचों में ५४ से ऊपर की औसत से २ साल में ही १००० से ज्यादा रन बना लिया और उसे दुबारा मौका ही नहीं दिया गया . इतने ही टेस्ट मैचों में तेंदुलकर का औसत काम्बली से बहुत कम रहा होगा मुझे पूरा विश्वास है ...काम्बली के साथ बहुत बड़ा अन्याय हुआ है . ...
3 hours ago • Unlike • 1 person

Awadhesh Pandey मन्डल जी, आप एक पत्रकार है, आपकी इज़्ज़त है, मान मर्यादा है. लेकिन आसमान पर थूकेन्गे तो पलट के थूक आपही के मुख पर गिरेगा. क्षमा करे.
3 hours ago • Like

Asrar Khan यदि मेरे याददास्त ठीक है तो तेंदुलकर ने पहली डबल सेंचुरी बंगलादेश के खिलाफ मरी थी और वही उनका आज भी उच्चतम स्कोर है..और उसमी तेंदुलकर के कुल सात कैच छूते थे ...
3 hours ago • Like

Baljeet Madaan SACHIN SON OF MOTHER INDIA
2 hours ago • Like

Madhur Kalra Dileep sir, don't agree with you. Kambli got plenty of opportunities but he did not capitalise on them.
2 hours ago • Like • 1 person

Amiteshwar Anand hahaha..that's funny
2 hours ago • Like

Rakesh Sammauria Forget abt kambali and sachin. everywhere in INdia sportspersons are selected on the basis of caste at the very entry levles and in schools. And the sports in which baniya brahmin and rajputs are not intrested 'others' are given chance. isiliye 120 crore ka ye desh ek bronze medal ko bhi tadpata tha ab tak.
about an hour ago • Like

Praveen Raj Singh
मंडल साहब कुछ शख्सियतें ऐसी होती हैं जो किसी भी तरह के वाद विवाद से ऊपर होती हैं. हिंदुस्तान एक बहुत बड़ा देश है लाखों नौजवानों की ख्वाहिश होती है की वो राष्ट्रीय टीम का हिस्सा बनें
लेकिन चंद ही ऐसे खुशनसीब होते हैं जिन्हे ये मौक़ा नसीब होता है .एक ग़रीब घर में पैदा होने वाले विनोद काम्बली आज ना सिर्फ पूरे देश में मशहूर हैं बल्कि करोडपति भी हैं . सबसे बड़ी बात हैं की वो इस देश के सबसे अज़ीज़ के अज़ीज़ हैं
आलोक मजुमदार, मिथुन मिन्हास ,आशीष जैदी ना जाने कितने और ताउम्र नेशनल टीम में खेलने का सपना देखते रह गये. राहुल द्रविड़ से ज्यादा काबिल होने के बावजूद विक्रम राठौर गुमनामी के अंधेरे में खो गए संजय मांजरेकर वक़्त से पहले रिटायर होने को मजबूर हो गए कपिल देव भी ज़िल्लत सहते हुए भी हैडली का रिकोर्ड तोडने के लिए टीम में बने रहे . हर चीज़ में सामाजिक न्याय ढूड़ना मुनासिब नहीं है सियासत का क्षेत्र इसके लिए बहुत है.
about an hour ago • Like • 3 people

Nitin Divekar
Tendular was on 326 and Kambli was on 349 when they made record break parternarship.Kambali scored 2 double centuries in his 17 test he played. Its true that Kambali is resopnsible for his deterioration but we must note that there was no support system for him to come out of his bad patch and the MCC and BCC was dominated by the Brahmins. It is rumoured that he hat to convert to christianity to get his place in Indian team. But his conversion also did not worked in his favour. Kambali is an excellent example of a potential a dalit can have and if nurtured properely can really acheive its due place.
41 minutes ago • Like • 1 person

Sameer Yadav वैसे यह बहस केवल दो खिलाड़ियों की प्रतिभा, और उन्हें मिले मौके की तुलना का है तो निरर्थक है और यदि दोनों के जाति पर है तब तो सर्वथा निरर्थक है. दोनों में से जिस बात पर आप हामी भरे या इंगित करें....आपके लिए निराशाजनक होगा....क्योंकि कम से कम सचिन इस तरह के बहस से बहुत ऊपर हैं. नाहक के उद्धरण से सचिन की श्रेष्ठता को कमतर नहीं किया जा सकेगा.
39 minutes ago • Like

Dilip Mandal समीर जी, आप तो भक्त की तरह व्यवहार कर रहे हैं, जिसके लिए भगवान तर्को से परे हैं। आप ऐसा करने के लिए स्वतंत्र हैं। हम तो संदेह करने के धंधे में हैं।
37 minutes ago • Like • 1 person

Sameer Yadav
दिलीप जी, बहुत सही इंगित किया आपने... मैंने आपके सही मुद्दों पर हमेशा आपके विचारों का सम्मान किया है....लेकिन यहाँ बात सचिन और काम्बली की योग्यता और उन्हें मिले अवसर की हो रही है...तो सच्चाई से कैसे मुंह मोड़ा जा सकता है. सचिन को मैंने कहीं पर भगवान् तो कहा नहीं..लेकिन खेल में उसकी श्रेष्ठता को कैसे नकार सकते हैं. और हाँ काम्बली की तुलना के लिए मैंने पहले के कमेन्ट में कई उदाहरण दिए हैं. उनके साथ तुलना से आप मुद्दे तक पहुँच सकते थे. लेकिन जैसा आप ने स्वयं कहा ऐसे बहस से कोई चीज साफ़ करना उद्येश्य थोड़े ही है.....यहाँ तो "संदेह" ही पैदा करना है. आप उसमें सफल हैं. पर जो जगजाहिर है उसे "भक्त-भगवान्" के तमगों से भी छुपाया नहीं जा सकता.
28 minutes ago • Unlike • 1 person

Panjab Rao Meshram
प्रतिभा क्या किसी जाति की मोहताज होती है ? यदि नहीं तो फिर एक ही जाति के लोगों में ऐसी इतनी -कितनी प्रतिभा है कि चारों तरफ वे ही वे दिखते हैं ? यह तो सिलेक्शन कमिटी का कमाल है जिसमे एक ही जाति के लोगों की भरमार है .और ये लोग कभी भी न तो निष्पक्ष थे और न ही हो सकते हैं .इतिहास भी गवाह है और वर्तमान भी .मेरा मानना है यदि भारत के टुकड़े नहीं हुए होते तब भी अविभाजित -भारत की क्रिकेट टीम में ब्राह्मणों की ही भरमार होती .और यही बात हर क्षेत्र में लागु होती जिसे गुलाम भारत के मुसलमानों ने महसूस कर लिया था और उन्हें यह कतई मंजूर नहीं था.मान लो यदि भारत के 3 टुकड़े हुए होते तो तीसरा टुकड़ा क्या किसी भी मायने में 2 टुकड़ों से कम होता ? क्या उनकी कोई टीम नहीं होती ? क्या वे लोग सारे मैच हारते ? क्या उनकी आर्मी नहीं होती ? क्या उनकी न्यायपालिका नहीं होती ? क्या उनके प्रधानमंत्री नहीं होते ?
17 minutes ago • Unlike • 1 person

Anil Kumar
Sir, Jharkhand ki girls world hocky jit kar ati hai aur unhe thik se khana tak nahi milata. Football teamme adhiktar North East ke log hai to (lagbhag) koi Govt support nahi.
Yahi bat Sachin & Vinod me hai.
Had to tab ho jati hai jab yahi deprived log bhi cricket ke liye TV se chipke rahate hai.
11 minutes ago • Like

Anil Kumar I would lik to request new reader of this post that please real all comments above. Picture will be Cristal Clear like 3D HD Movie.
4 minutes ago • Unlike • 1 person

Dilip Mandal Yes anil sahab,I agree.
about a minute ago • Like

3 comments:

PD said...

और बाकी बाद में किये गए लगभग तीस और कमेंट्स??

Pramendra Pratap Singh said...

अच्‍छी चर्चा चली भाई काफी इतिहास पता चल गया

सहज समाधि आश्रम said...

यह एक प्रसंशनीय प्रस्तुति है ।
धन्यवाद ।
satguru-satykikhoj.blogspot.com

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