डब्बूजी का कार्टून कोना याद है। ये अभी भी आता है। लेकिन बहुत लोगों के लिए ये धर्मयुग की यादों से जुड़ी हुई चीज है। बात आबिद सुरती की हो रही है। आज उनसे मिलने का मौका मिला। अनुराधा, मैं और बेटे अरिंदम के लिए ये एक शानदार मौका था और इसके लिए हम अपनी दोस्त फोटोजर्नलिस्ट सर्वेश के शुक्रगुजार हैं।
दोपहर बाद उस समय बूंदाबांदी सी हो रही थी। सर्वेश का निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन के पास अपना फ्लैट है। आबिद से मिलने का न्योता सर्वेश की ओर से ही आया था। हम रेलवे स्टेशन के पास सर्वेश के घर में जैसे ही घुसे सामने दीवान पर बैठा एक दढ़ियल जवान सा बुजुर्ग दिखा। टी शर्ट, नए जमाने की पैंट पहने वो बुजुर्ग थे हमारे बचपन के दिनों के साथी आबिद सुरती। हालांकि अपने इस दोस्त से ये पहली मुलाकात थी, लेकिन ऐसा लगा मानों हम तो हमेशा मिलते रहे हैं।
बहरहाल हमने जमकर उनके साथ गप्पे लड़ाईं। साथ मे चाय पी गई। पता चला कि चंद दिनों में 75 के होने जा रहे हैं आबिद सुरती। इस उम्र में उनकी सक्रियता और क्रिएटिविटी और सबसे बढ़कर नया और मॉडर्न सीखने की उनकी ललक ने हमें लगभग शर्मिंदा कर दिया। क्या आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि ये शख्स इस उम्र में दुनिया में हो रही हर बड़ी हलचल से वाकिफ है और उन पर अपनी राय रखता है और उसे क्रिएटिव तरीके से जाहिर भी करता है। इस उम्र में आबिद नए सॉफ्टवेयर की ट्रेनिंग ले रहे हैं। हाल ही में उन्होंने गुजराती लोककथाओं (लेखक गिजूभाई बधेका) की सिरीज का अनुवाद किया। उनकी ही प्रस्तुति और रेखांकन के साथ 10 किताबों का ये सेट नेशनल बुक ट्रस्ट से आया है।
उनका एक उपन्य़ास काला गुलाब अब फिल्मकारों की नजर में है और हो सकता है इस पर कोई फिल्म आ जाए। ये किताब दरअसल फिल्म की स्क्रिप्ट भी है।
बहरहाल छोटी सी मुलाकात में कुछ और बातें भी हुईं जो फिर कभी। ये तस्वीर जो आप देख रहे हैं वह अनुराधा ने सर्वेश के घर से मुंबई के लिए आबिद की रवानगी के समय उतारी है।
7 comments:
धर्मयुग के डब्बूजी आज भी किसी पत्र-पत्रिका में दिखाई देते हैं तो पुरानी यादें ताज़ा हो जाती हैं। उनके सृष्टा से आपने भेंट की, सौभाग्यशाली रहे॥
आबिद अच्छे व्यंग्य चित्रकार तो हैं ही बहुत अच्छे व्यंग्य उपन्यासकार भी हैं। लेकिन बहुत दिनों से उन की रचनाओं से महरूम हूँ।
इस बच्चे के बारे में जानकारी के लिए धन्यवाद । और सीखने और नया कार्य करने की ललक प्रेरणा दायक है ।
kya abhi bhi cartoon bana rahe hai.hume dharmyug ke cartoon yaad hai.badhai humari taraf se bhi.
मैं भी चाहता हूं मिलना
आबिद सुरती जी से
75 के हो रहे हैं तो
कम से कम 75 मिनिट
तो मिलने की है इच्छा।
मुझे दीजिए उनके घर का पता
फोन नबर या ई मेल
या उनके किसी ब्लॉग का पता।
मिलिए करीब 75 साल के इस बच्चे से उनके वेबसाइट पर- http://aabidsurti.com
आनंद आएगा।
कार्टून कोना डब्बूजी ... भला किसे याद न रहे ... सौभाग्यशाली हैं आप ... उनसे मुलाकात हो गयी आपकी।
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