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Tuesday, August 12, 2008
महमूद दरवेश को आखिरी सलाम!
महमूद दरवेश का बीते शनिवार निधन हो गया। उनकी 67 साल की जिंदगी और पहाड़ से भारी मौत के बारे में हिंदी में कम छपा। वैसे अरबी भाषा के वो हाल के दशकों के सबसे चर्चित कवि रहे। उनके बारे में आप इस लिंक पर क्लिक करके जानकारी ले सकते हैं।
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कविता
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3 comments:
मेरे यार, कैसे कहते हो कि हिन्दी में कम छपा! अगर तुम हिन्दी अखबारों की बात करते हो तो पहले यह जान लो कि अब तथाकथित हो गए हिन्दी अखबारों में काम करने वाले महमूद दरवेश के बारे में जानते कितना हैं? तुम्हें पता ही होगा कि फिलिस्तीनी मुक्ति संगठन का (पी एल ओ) का adhyayaksheey bhaashan लिखने वाला यही महान शख्स था. ब्लॉग वह माध्यम है जिसके लिए तुम्हें लाइन इस्तेमाल करनी चाहिए- isko dekko! kabaad खाना देखो . geet kaa blog dekho, aur bhee kuchh logon ne likhaa hai...
महमूद दरवेश को मेरा सलाम!
हम उन से सदा प्रेरणा लेते रहेंगे।
मैं विजयशंकरजी की बात से सहमत हूं। ब्लॉग पर खूब सामग्री प्रकाशित है लेकिन अखबारों ने भी नोटिस लिया है।
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