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Sunday, February 14, 2010

ब्रूनो की बेटियां (कवि-आलोकधन्वा) पूर्व पुलिस अफसर के हरम में...

ब्रूनो की बेटियां वामपंथी कवि आलोकधन्वा की प्रसिद्ध रचना है। आलोकधन्वा इन दिनों वर्धा में महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय से जुड़ गए हैं। इस विवि के कुलपति विभूति नारायण राय इन दिनों साहित्य चर्चा से ज्यादा दलित उत्पीड़न की वजह से जाने जाते हैं। अनिल चमड़िया को विवि से निकालने के लिए भी वे चर्चा में हैं।


हिंदी साहित्यकार, लेखक, कॉरपोरेट और सरकार के अंतर्संबंधों पर राजकिशोर ने जनसत्ता रविवारी में अपना कॉलम लिखा है। इसे जनसत्ता रायपुर डॉट कॉम पर जाकर देखा जा सकता है। ये लेख 14 फरवरी के अंक में पेज -9 पर है। इसे पढ़ने के लिए आपको अडोबी रीडर सॉफ्टवेयर की जरूरत होगी। हो सकता है ये सॉफ्टवेयर आपके पास पहले से हो। पीडीएफ फाइल देखने के लिए इसकी जरूरत होती है।

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