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Tuesday, May 6, 2008

हम सारी दुनिया मांगेंगे...

नवंबर 1996 में बना महिला आरक्षण बिल आखिरकार राज्यसभा में

"लंबे समय से टल रहे महिला आरक्षण विधेयक को सरकार मंगलवार को राज्यसभा में पेश करने जा रही है. हालाँकि कई दल इसका कड़ा विरोध कर रहे हैं.

सोमवार को देर रात केंद्रीय मंत्रिमंडल को बैठक में ये तय हुआ है कि विधेयक को पहले राज्यसभा में पेश किया जाए.

नियमों के अनुसार इसके बाद इस विधेयक को संसद की स्थाई समिति के सामने रखा जाएगा और सांसद समिति की बैठकों में विधेयक पर अपने सुझाव दे सकेंगे.

विधेयक इस सत्र में लोक सभा में पेश हो नहीं पाएगा क्योंकि लोकसभा का सत्र सोमवार को ही ख़त्म हो गया."

-बीबीसी हिन्दी.कॉम


हिंदुस्तान की राजनीतिक संस्थाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण के मुद्दे में दिलचस्पी है तो इस तसवीर पर गौर कीजिए। हाल में चर्चित हुई यह तसवीर आपने जरूर देखी होगी। यह हैं, स्पेन की नई रक्षा मंत्री कारमे चाकोन। पूरा नाम है कारमे चाकोन पीकेर्रास जो वहां हाल ही में प्रधानमंत्री जोस लुईस रॉड्रिग्ज़ ज़पातेरो के नेतृत्व में गठित नई सरकार में शामिल हैं। स्पैनिश सोशलिस्ट वर्कर्स पार्टी के ज़पातेरो दूसरी बार प्रधानमंत्री बने हैं। उनके इस नए मंत्रिमंडल की कुछ खास बातें--
--17 सदस्यों के मंत्रीदल में नौ महिलाएं और आठ पुरुष हैं।
--देश की पहली महिला रक्षा मंत्री 37 वर्षीया कारमे चाकोन बनी हैं। पिछले मंत्रिमंडल में वे हाउसिंग मिनिस्टर थीं।
--कारमे चाकोन ने जब अप्रैल में कार्यभार संभाला तब वे सात माह की गर्भवती थीं।
--सबसे सक्रिय मंत्रियों में शुमार चाकोन ने इसी हालत में मज़े से सैनिक परेड का निरीक्षण भी किया।
--10 साल पहले तक यहां महिलाओं के लिए सेना के दरवाज़े बंद थे। आज स्पेन की सेना में शामिल 1.30 लाख सैनिकों में 15 फीसदी महिलाएं हैं।
--पुरुष प्रधान देश में लैंगिक समानता लाना सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है।
--स्त्री-पुरुष समानता के लिए नया समानता मंत्रालय बनाया गया है जिसकी पहली मंत्री एक महिला- 31 वर्षीय विवियाना आइदो हैं। स्पेन के इतिहास में उनका नाम सबसे कम उम्र मंत्री के तौर पर दर्ज हो गया है।
--मारिया तेरेसा फर्नांडेज़ दे ला वेगा 2004 में स्पेन की पहली उप-प्रधानमंत्री बनी थीं। वे नई सरकार में फिर उप-प्रधानमंत्री बनी हैं।
--मॉलिक्युलर बायलोजी की विशेषज्ञ क्रिस्टीना गारमेन्दिया एक और नए मत्रालय- विज्ञान और खोज का काम देख रही हैं।
--सरकार ने तलाक की प्रक्रिया सरल बनाने, नौकरियों में औरतों की संख्या बढ़ाने के लिए कानून बनाए और कंपनियों के बोर्डरूम और चुनावी मैदान में ज्यादा औरतों को जगह देने की जोरदार वकालत की है।
--इस देश में 36 साल तक तानाशाही रही। यहां का लोकतंत्र अभी महज 30 साल पुराना है।

* और बीबीसी हिंदी की वेबसाइट पर एक और दिलचस्प खबर है, इस लिंक पर गौर कीजिए।

3 comments:

Pooja Prasad said...

'राज्यसभा में आज महिला बिल पेश होगा. विधेयक इस सत्र में लोक सभा में पेश हो नहीं पाएगा क्योंकि लोकसभा का सत्र सोमवार को ही ख़त्म हो गया.' इसे कह्ते हैं सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे. वैसे राज्यसभा में भी इसके पास होने की सम्भावना पर हम और आप हारा हुआ सट्टा लगा सकते हैं, यदि चाहें. मगर सही कहा आपने अनुराधा जी, "हम सारी दुनिया मांगेंगे..." देखें कब तक नहीं मिलती..

Anonymous said...

tumhara yeh piece sachmuch hamesha ki tarah shaandaar tha yaar!

masha

pranava priyadarshee said...

dilchasp jaankaariyaan. achchhee post anuradha

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