मोसुल के पास दजला यानी टिगरिस नदी पर बना इराक का सबसे बड़ा बांध टूट सकता है। अमेरिकी इंजीनयरों ने चेतावनी दी है कि अगर ये बांध टूटता है तो बांध से 20 मील दूर बसा मोसुल शहर साठ फुट पानी के नीचे डूब जाएगा। इस शहर में 17 लाख लोग रहते हैं। और इस बांध का पानी आगे बगदाद तक पहुंचेगा और रास्ते के घनी आबादी वाले इलाकों में तबाही मचाता जाएगा।
ये बांध 1984 में बनकर पूरा हुआ इसे पहले सद्दाम बांध के नाम से जाना जाता था। बांध ऐसी चट्टानों का बना है, जो पानी सोंखता है। इस बांध का निर्णाण इराक को बाढ़ से बचाने के लिए किया गया गया है। अमेरिकी फौज और उसकी दया पर पल रही इराकी सरकार ने काफी समय से इस बात को छिपाए रखा कि मोसुल बांध टूट सकता है। लेकिन अब ऐसा लगता है कि इस बात को छिपा पाना मुश्किल हो गया है। अमेरिकी सरकार अगर अब चिंतित है तो इसकी वजह ये है कि इराक में तेल की खुदाई वाला क्षेत्र है, और जिस तेल के लिए अमेरिका ने इतना खून खराबा किया है, उसके दोहन में आने वाली कोई भी बाधा उसे कैसे स्वीकार हो सकती है।
पूरी रिपोर्ट http://www.counterpunch.org/ पर पढ़ें।
2 comments:
भगवान का करे ऐसा हो क्यों कि 20 मील दूर पानी पहुँचने में तो कुछ ही घंटे लगेंगे और 17 लाख लोगों को इतने कम समय में हटाना नामुमकिन होगा।
॥दस्तक॥
गीतों की महफिल
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