तेभागा आंदोलन का नेतृत्व अविभाजित सीपीआई ने किया था। सीपीआई का बड़ा हिस्सा पश्चिम बंगाल में अब सीपीएम के नाम से जाना जाता है। ज्योति बसु भी उस समय सीपीआई में थे। अब वो सीपीएम में हैं। उस समय वो नंदीग्राम के किसानों के साथ थे और लाल सलाम बोलते थे। अब वो जय सालेम बोलते हैँ। नंदीग्राम में औरतों से अत्याचार तब जमींदारों ने किया था, आज सीपीएम के कैडर कर रहे हैं।
तेभागा आंदोलन के समय रचा गया ये गीत इप्टा के कलाकारों की आवाज में (इप्टा वालों अब कहां हो)। कंपोजिशन सलिल चौधुरी का है। और गीत का परिचय भी उन्होंने ही दिया है। इस गीत की ऊर्जा और प्रवाह में बहने के लिए तैयार हैं आप?
ये गीत मुझे अपने एक कंप्यूटर पर तो ठीक सुनाई दे रहा है। लेकिन दूसरे कंप्यूटर पर चेक करने पर फास्ट फॉरवर्ड सुनाई दे रहा है। कुछ समस्या तो है।
एक लिंक है उसके जरिए गाने तक पहुंचने की कोशिश कर सकते हैं
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2 comments:
दिलीप जी
मैंने प्रवाह में बहने की कोशिश की, लेकिन प्रवाह बहुत तेज़ था. ऐसा लग रहा था कि बाढ़ आ गई हो. कहने का मतलब यह कि आपने जो गीत की क्लिप पोस्ट की है उसकी गति बहुत ज्यादा है. प्ले करने पर ऐसा लगा कि फास्ट फारवर्ड में गीत सुन रहे हैं. हो सकता है कि मेरे कंप्यूटर में ही प्रोब्लम हो, लेकिन कृपया आप एक बार उसको चेक कर लें. वैसे इस पोस्ट से तेभागा आन्दोलन के बारे में मेरा सामान्य ज्ञान बढा. धन्यवाद.
राजीव रंजन
राजीव जी मुझे अपने कंप्यूटर पर तो ठीक सुनाई दे रहा है। लेकिन दूसरे कंप्यूटर पर चेक करने पर फास्ट फॉरवर्ड सुनाई दे रहा है। कुछ समस्या तो है।
एक लिंक है उसके जरिए गाने तक पहुंचने की कोशिश कर सकते हैं- http://www.esnips.com/doc/3535fa9e-39f9-425b-922f-4dec89ac5853/Hei-samaalo-dhaan-ho,-kasteyta-dao-shaan-ho
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