-दिलीप मंडल
सीनेटर ओबामा अश्वेत पिता और श्वेत मां की संतान हैं। अमेरिका अपने इतिहास के एक रोचक मोड़ पर खड़ा है। ये लगभग तय हो चला है कि वहां का राष्ट्रपति या तो मिली जुली नस्ल का होगा या फिर एक महिला। ये शायद अमेरिका का पश्चाताप है या फिर प्रायश्चित।
ऐसे समय में बात करते हैं रिचर्ड लविंग और मिलड्रेड जेटर की। एक श्वेत और एक अश्वेत। दोनों ने लगभग उसी कालखंड (1958) में शादी की थी जब ओबामा के माता-पिता की शादी हुई थी। लविंग और जेटर वर्जीनिया में शादी नहीं कर सकते थे क्योंकि वहां अलग अलग नस्ल के लोगों के बीच शादी पर पाबंदी थी। उस समय अमेरिका के 22 राज्यों में नस्लीय शुद्धता के सख्त कानून थे। पर ये शादी हुई। दोनों ने भागकर कोलंबिया में शादी की और लौटकर वर्जीनिया आए।
यहां पुलिस उनका इंतजार कर रही थी। घर पर छापा पड़ा। नवविवाहित जोड़ा गिरफ्तार कर लिया गया। मुकदमा चला। पांच साल तक कैद की सजा का प्रावधान था। लविंग दंपति को कहना पड़ा कि उससे भूल हुई है। दोनों को एक साल कैद की सजा सुनाई गई। बाद में रहमदिल जूरी ने उन्हें राज्य से बाहर जाने की सजा सुनाई और आदेश दिया कि वो 25 साल तक वर्जीनिया नहीं लौटेंगे। इस परिवार को वाशिंगटन में बसना पड़ा।
देखते हैं कि जूरी ने लविंग दंपति के खिलाफ किस आधार पर फैसला सुनाया:
( Almighty God created the races white, black, yellow, malay and red, and he placed them on separate continents. And but for the interference with his arrangement there would be no cause for such marriages. The fact that he separated the races shows that he did not intend for the races to mix.)
लेकिन लविंग का मुकदमा सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा और आज से लगभग तीस साल पहले अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया की नस्लीय शुद्धता के ऐसे कानून गैरकानूनी हैं।
अमेरिकी जनगणना के आंकड़े बताते हैं कि 2005 में वहां 84 लाख से ज्यादा लोग ऐसे हैं जिन्होंने नस्ल का ख्याल किए बगैर शादियां की हैं। इस जानकारी का स्रोत।
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