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Sunday, March 2, 2008

आखिर ये आपकी सेहत का मामला है!

-दिलीप मंडल

आप पहले ये देख चुके हैं कि जिस एड्स से साल में दो हजार से कम लोग मरते हैं और साल दर साल जिससे मरने वालों की संख्या लगभग स्थिर है उस एड्स से देश में लगभग सवा लाख से ज्यादा सेल्फ हेल्प ग्रुप लड़ रहे हैं। एड्स का कारोबार चलता रहे इसमें तमाम एनजीओ की दिलचस्पी है। एड्स का कारोबार चलता रहे इसमें एनजीओ के अलावा फार्मा सेक्टर की काफी दिलचस्पी है। ऐसी ही एक दिलचस्पी की कहानी आपके लिए यहां पेश है।

एड्स की दवा का अनुसंधान करने वाली दुनिया की एक प्रमुख कंपनी है जायलीड साइसेंस। इस कंपनी की वेबसाइट पर जाइए तो आपको कुछ रोचक चीजें दिखेंगी।



इस कंपनी को अमेरिकी में राजनतिक रूप से सबसे प्रभावशाली कंपनी माना जाता है। डॉनल्ड रम्सफेल्ड अमेरिका के रक्षा मंत्री बनने से पहले इस कपनी के चेयरमैन थे। देखिए रम्सफेल्ड की इस पद पर नियुक्ति की प्रेस रिलीज । रम्सफेल्ड के पास अब भी इस कंपनी के शेयर हैं। इस कंपनी के बोर्ड को देखिए। इसमें जॉर्ज शुल्ज हैं जो अमेरिका के विदेश मंत्री रहे हैं। बोर्ड में हैं कार्ला एंडरसन हिल हैं जो जॉर्ज बुश के पिता के राष्ट्रपति रहने के दौरान अमेरिका की ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव थी और नॉर्थ अमेरिका ट्रेड ट्रिटी यानी नाफ्टा में अपने देश की मुख्य वार्ताकार थीं। जायलीड के बोर्ड में शामिल गायले विलसन कैलिफोर्निया के पूर्व गवर्नर पीट विल्सन की पत्नी हैं। एटीने एफ डेविगनॉन सुएज ट्रेक्टेबेल के वाइस चेयरमैन हैं और बुश के राष्ट्रपति पद के अभियान में उन्होंने काफी सहयोग किया था। कुल मिलाकर कंपनी के बोर्ड पर कंजर्वेटिव पार्टी के नेताओं का दबदबा है।

इसके बाद आप जायलीड के शेयरों का कारनामा देखिए। 1997 में जब रम्सफेल्ड जायलीड के चेयरमैन बने तो इस कंपनी के शेयर थे सात डॉलर पर। अभी ये शेयर 45 से 50 डॉलर के बीच ट्रेड कर रहे हैं। कंपनी के शेयर में बढ़त ऐसे दौर में हुई है जब बाकी अमेरिकी इंडेक्स बेहद सुस्त चाल से चले हैं। इस कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन 40 अरब डॉलर यानी 16,000 करोड़ रुपए है। ये कितनी बड़ी कंपनी है इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि इस साल के बजट में भारत सरकार का स्वास्थ्य पर कुल खर्च 16,534 करोड़ रुपए है। देखिए चिदंबरम के बजट भाषण का प्वांयट 30। और एड्स की दवाओं का कारोबार कर रही जायलीड दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी नहीं है। ऐसी बड़ी कंपनियां ही दुनिया भर में सरकारों के लिए स्वास्थ्य का एजेंडा तय कर रही हैं। हमारी आपकी हैसियत इस खेल में कितनी है, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है।

3 comments:

अबरार अहमद said...

बहुत ही रोचक जानकारी

Ajeet Shrivastava said...

नमस्कार, मैं बहुत ही आभारी होऊंगा अगर आप इस हाले-दिल को अपने ब्लॉग पर पोस्ट करने की कृपा करेंगे......जिंदादिल

सिगरेट के धुएँ से दिल को काला करने की नाकाम कोशिश करता हूँ
हर मरती हुई सांस में इक जिंदगी तलाशने की कोशिश करता हूँ

सोचता हूँ क्या मिला अच्छा इन्सान बनकर इसलिए
हर पल इक बुरा इन्सान बनने की कोशिश करता हूँ

हो ना जाऊँ कहीं मैं बेखौफ इतना कि खुदा भी डरने लगे
रोज-ब-रोज यूं ही खुद को डराने कि कोशिश करता हूँ

बरास्ते आँखों के खून का सैलाब उमड़ आया है
रगों में बहते लहू को पानी बनाने कि कोशिश करता हूँ

उठ ना जाये भरोसा कहीं खुदा कि खुदाई से
हर इबादतगाह में सज्दा करने कि कोशश करता हूँ

अपनों के दिए जख्म में दर्द उभर आता है
जब किसी गैर को मरहम लगाने कि कोशिश करता हूँ

गम जुदाई का नहीं, उनकी बेवफाई का भी नहीं
वो उतना ही याद आये जितना भुलाने कि कोशिश करता हूँ

.......कोशिश करता हूँ

Ajeet Shrivastava said...

नमस्कार, मैं बहुत ही आभारी होऊंगा अगर आप इसको अपने ब्लॉग पर पोस्ट करने की कृपा करेंगे......जिंदादिल

सिगरेट के धुएँ से दिल को काला करने की नाकाम कोशिश करता हूँ
हर मरती हुई सांस में इक जिंदगी तलाशने की कोशिश करता हूँ

सोचता हूँ क्या मिला अच्छा इन्सान बनकर इसलिए
हर पल इक बुरा इन्सान बनने की कोशिश करता हूँ

हो ना जाऊँ कहीं मैं बेखौफ इतना कि खुदा भी डरने लगे
रोज-ब-रोज यूं ही खुद को डराने कि कोशिश करता हूँ

बरास्ते आँखों के खून का सैलाब उमड़ आया है
रगों में बहते लहू को पानी बनाने कि कोशिश करता हूँ

उठ ना जाये भरोसा कहीं खुदा कि खुदाई से
हर इबादतगाह में सज्दा करने कि कोशश करता हूँ

अपनों के दिए जख्म में दर्द उभर आता है
जब किसी गैर को मरहम लगाने कि कोशिश करता हूँ

गम जुदाई का नहीं, उनकी बेवफाई का भी नहीं
वो उतना ही याद आये जितना भुलाने कि कोशिश करता हूँ

.......कोशिश करता हूँ

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