- दिलीप मंडल
हमने द हिंदू के संपादक एन राम से एक बार सुना था कि अमेरिका के न्यूजपेपर एडीटर्स अपने बिजनेस के भले के लिए न्यूजरूम में डाइवर्सिटी लाने की कोशिश कर रहे हैं। राजनीति विज्ञानी योगेद्र यादव से आज सुबह बात हुई तो उन्होंने इस बारे में ढेर सारी सूचनाएं दीं। योगेंद्र यादव भारत में डायवर्सिटी कमीशन बनाने पर विचार करने के लिए बनी कमेटी के सदस्य हैं।
नीचे दिए गए आंकड़े अमेरिकन सोसायटी ऑफ न्यूजपेपर एडीटर्स के हैं। इस सोसायटी में अमेरिका के 860 मीडिया समूहों के संपादक हैं और 1978 से हर साल इस बात का सर्वेक्षण किया जाता है कि न्यूजरूम में किस समूह के कितने लोग हैं। महिलाओं का आंकड़ा भी जुटाया जाता है। अमेरिका के लगभग सभी बड़े अखबार इस सर्वे में शामिल होते हैं। देखिए कुछ अश्लील आंकड़े। आंकड़े प्रतिशत में हैं।
न्यूयॉर्क टाइम्स
एशियन अमेरिकन- 5.6, ब्लैक- 8.2, हिस्पैनिक्स- 4.0 नेटिव- 0.3
कुल गैर-श्वेत- 18.0
वाल स्ट्रीट जर्नल
एशियन अमेरिकन- 8.4, ब्लैक- 6.7, हिस्पैनिक्स- 4.5 नेटिव- 0.2
कुल गैर-श्वेत- 19.7
लॉस एंजिल्स टाइम्स
एशियन अमेरिकन- 7.9, ब्लैक- 3.6, हिस्पैनिक्स- 5.9 नेटिव- 0.4
कुल गैर-श्वेत- 17.8
वाशिंगटन पोस्ट
एशियन अमेरिकन- 5.7, ब्लैक- 31.5, हिस्पैनिक्स- 4.3 नेटिव- 0.2
कुल गैर-श्वेत- 23.7
नीचे के आंकड़े संख्या में है।
न्यूजरूम में महिलाएं - 21,400
न्यूजरूम में पुरुष - 35,581
सुपरवाइजर महिलाएं - 4,979
सुपरवाइजर पुरुष - 9,370
महिला रिपोर्टर - 9,955
पुरुष रिपोर्टर - 15,184
पिछले साल के सर्वे में अमेरिका के 1415 में से 932 दैनिक अखबारों ने हिस्सा लिया। देखिए इम अखबारों में काम करने वालों का सोशल प्रोफाइल। अमेरिकन सोसायटी ऑफ न्यूजपेपर एडीटर्स ने तीस साल पहले जब न्यूजरूम डाइवर्सिटी के लिए काम करना शुरू किया था तब अमेरिकी अखबारों में श्वेत के अलावा बाकी समुदायों की हिस्सेदारी चार फीसदी से कम थी। अब ये हिस्सेदारी 14 फीसदी के आसपास है। अखबारों के वेब एडीशन के लिए काम करने वालों में तो 16 परसेंट गैर-श्वेत हैं। अमेरिका के रेडियो एंड टेलीविजन न्यूज डाइरेक्टर्स फाउंडेशन के मुताबिक, टेलीविजन में 20 फीसदी और रेडिया मे 17 परसेंट कर्मचारी गैर-श्वेत हैं।
अभी ये अनुपात वहां की कुल गैर-श्वेत आबादी के अनुपात में कम है। लेकिन इसे 2025 तक पूरी तरह दुरुस्त करने के इरादे से वहां के संपादक काम कर रहे हैं। इस दिशा में हो रहे काम का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वहां के अखबारों में आने वाले एक तिहाई इंटर्न गैर-श्वेत हैं। और पहली बार पत्रकारिता की नौकरी में आने वाला हर पांचवां शख्स गैर-श्वेत है।
पढ़िए अमेरिकन सोसायटी ऑफ न्यूजपेपर एडीटर्स का मिशन स्टेटमेंट
To cover communities fully, to carry out their role in a democracy, and to succeed in the marketplace, the nation’s newsrooms must reflect the racial diversity of American society by 2025 or sooner. At a minimum, all newspapers should employ journalists of color and every newspaper should reflect the diversity of its community.
The newsroom must be a place in which all employees contribute their full potential, regardless of race, ethnicity, color, age, gender, sexual orientation, physical ability or other defining characteristic.
ASNE will pursue the following strategies, which may be expanded or amended periodically:
* Conduct an annual census of employment of Asian Americans, blacks, Native Americans, Hispanics, and women in the newsroom.
* Encourage and assist editors in recruiting, hiring and managing diverse newsrooms.
तो दोस्त, मुझे अफसोस है, लेकिन कहानी अभी खत्म नहीं हुई है।
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